साउथ मुंबई में अंडरवर्ल्ड का नया धंधा........

मुंबई..दक्षिण मुंबई को मुंबई का दिल माना जाता है। यही वजह है कि यहां की प्रॉपर्टी के दाम हमेशा आसमान छूते हैं। हाई रेट और हाई प्रॉफिट के चलते ही अंडरवर्ल्ड की हमेशा यहां नजरें जमी रहती हैं। जेजे, पायधुनी, जामनी मोहल्ला, डोंगरी का खड़क, कमाठीपुरा आदि इलाकों में पुरानी इमारतें ज़्यादातर २ से ३ मंजिला हैं। इन्हीं पुरानी छोटी इमारतों पर अंडरवर्ल्ड ने अपना कब्ज़ा जमाना शुरू कर दिया है। यहां वे २ मंज़ली इमारत का परमीशन लेकर उसे ३० मंज़िला टावर बना देते हैं ?। अंडरवर्ल्ड के इसी धंधे को मुंबईया भाषा में २ का ३० कहा जाता है।
जर्जर इमारतों पर है अंडरवर्ल्ड का फोकस!
अवैध पुनर्निर्माण का कारोबार ज़ोरो पर
दक्षिण मुंबई की पुरानी इमारतों के पुनर्विकास का काम करना बिल्डरों के लिए मुश्किल भरा होता है, क्योंकि ज़्यादा एरिया मांगने वाले और इमारत खाली नहीं करनेवाले टेनेंट ज़्यादा होते हैं। ऐसे में वहां अंडरवर्ल्ड की एंट्री हो गई है ?। बिल्डरों को अंडरवर्ल्ड की मदद लेनी मजबूरी हो जाती है और यहीं से अंडरवर्ल्ड रियल इस्टेट पर कब्ज़ा जमाना शुरू कर देते हैं। वे इन जर्जर इमारतों के पुनर्विकास पर अपना फोकस करते हैं।
सूत्र बताते हैं कि इन दिनों डी कंपनी के गुर्गे फिर एक बार सक्रिय हो गए हैं और २ मंजिला इमारतों को ३० मंजिला बनाकर अरबों रुपए कमाने के चक्कर में पड़े हुए हैं। अंडरवर्ल्ड के इसी काम को अंडरवर्ल्ड की भाषा में २ का ३० बोला जा रहा है। यह काम धड़ल्ले से किया जा रहा है। इस काम के लिए अंडरवर्ल्ड के गुर्गे काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं।
१०० इमारतें खतरनाक
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण मुंबई में मनपा ने स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाया था, जिसमें तकरीबन १०० इमारतें अति खतरनाक घोषित की जा चुकी हैं। सूत्र बताते हैं कि इन इमारतों पर अंडरवर्ल्ड का ज्यादा फोकस है। ऐसी जर्जर इमारतों में विवाद भी ज्यादा है, जिसका फायदा डी कंपनी के गुर्गे उठा रहे हैं।
 घर मालिकों को धमकी
घर मालिकों को धमकाकर इमारतों पर अपना कंट्रोल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि पुनर्विकास योजनाओं में कब्जा जमाने के लिए अंडरवर्ल्ड स्थानीय नेताओं को भी अपने बस में कर लेते हैं। इतना ही नहीं, नगरसेवक, विधायक और मनपा के इंजीनियरों को भी ये लोग सेट करके रखते हैं।
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