मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नालासोपारा (पूर्व) में एक घर में लकड़ी के दरवाजे के पीछे धातु की अलमारी में छिपाकर रखे गए 44 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। यह घर एक पूर्व पार्षद का है, जो कथित तौर पर वसई पूर्व में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण रैकेट में शामिल है।
यह बरामदगी ईडी द्वारा बुधवार और गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कई स्थानों पर की गई तलाशी के दौरान की गई। सूत्रों के अनुसार, अलमारी एक लकड़ी के पैनल के पीछे पाई गई, जिससे शुरू में ईडी अधिकारियों को संदेह हुआ। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जब घर के मालिक ने चाबी देने से इनकार कर दिया, तो उसे खोलने के लिए एक ताला बनाने वाले को बुलाया गया, जिससे छिपी हुई नकदी बरामद हुई।
ये छापे वसई, विरार में 13 स्थानों से जुड़ी एक व्यापक जांच का हिस्सा थे। जांच 60 एकड़ भूमि पर 41 अनधिकृत इमारतों के निर्माण पर केंद्रित है, जिसे मूल रूप से सार्वजनिक उपयोगिता परियोजनाओं के लिए नामित किया गया था। ईडी ने मीरा-भयंदर पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर के बाद अपनी जांच शुरू की।
सबसे बड़ी जब्ती वसई विरार सिटी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (वीवीसीएमसी) के डिप्टी डायरेक्टर (टाउन प्लानिंग) वाई एस रेड्डी के हैदराबाद स्थित आवास पर हुई। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कुल 32.29 करोड़ रुपये बरामद किए, जिसमें 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़े आभूषण और बुलियन तथा 9.04 करोड़ रुपये नकद शामिल हैं। छापेमारी के दौरान रेड्डी घर पर ही थे और बाद में उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। छापेमारी में अवैध निर्माण योजना में कथित तौर पर शामिल अन्य प्रमुख लोगों को भी निशाना बनाया गया। जांचकर्ताओं को नागरिक अधिकारियों और निजी बिल्डरों के बीच मिलीभगत का संदेह है। छापेमारी के दौरान जब्त किए गए महत्वपूर्ण दस्तावेजों से कथित तौर पर पता चलता है कि अनधिकृत निर्माण को सुविधाजनक बनाने के लिए अनुमतियों में किस तरह से हेरफेर किया गया। रिपोर्टों के अनुसार, ईडी ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही पूछताछ के लिए शामिल लोगों को तलब करेगा। ईडी ने मीरा-भायंदर पुलिस द्वारा 41 अवैध इमारतों के निर्माण से संबंधित कई एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज करके अपनी जांच शुरू की।