मुंब्रा के समाजसेवक मेहफ़ूज़ शेख मामा मुंब्रा स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष है और वो हर छोटे बड़े कार्यक्रमों मे हाफ़िज़ जी को बुलाते थे कई बार देखे गए थे हाफ़िज़ जी बच्चो के खेलो मे ।
सेकड़ो लोगो ने पढ़ा जनाज़े की नमाज़ दिया हाफ़िज़ जी के जनाज़े को हाथ ।
अबू असिम ने भी दिया उनके जनाज़े को कांधा । रमज़ान महीने मे अबू असीम के साथ खोला था इल्तेफ़ात चाचा ने रोज़ा ।
कई लोगो के आँखे हुए नम
एक सप्ताह पहले गयी जान
करीब ४० स्कूलों से ज़्यादा के लिए बड़ चढ़ कर मदद किया करते थे इतना बड़ा था उनका खिदमत का काम ।
खिदमत ए खल्क़ मे सबसे पहले इनको देखा जाता था अब वो इस दुनिया मे नही रहे उनकी जगह ज़रूरतमंदो के लिए उनके वारिसदार करेंगे खिदमत का काम हाजी इल्तेफ़ात चाचा के
२ बेटे और ४ बेटियां है अब हाफ़िज़ जी के कामो की कमान संभालेंगे
शमीम शेख और नदीम शेख
हाफ़िज़ इल्तेफ़ात ने अपनी आख़री साँसे अपने गाँव आज़म गढ़ भीषम मे तोड़ी पूरे महाराष्ट्र मे इनको इनके नाम से इनके खिदमत से जाना जाता था ।
महाराष्ट्र7 tv को भी यह खबर दिखाने बड़ी तकलीफ हो रही है की
जनाब हाफ़िज़ जी इल्तेफाक अब इस दुनिया मे नही रहे ।